मयकदा पास हैं पर बंदिश हैं ही कुछ ऐसी ..... मयकश बादशा है और हम सब दिलजले हैं !!
लिंक पर कोई ब्लॉग नहीं खुल रहा.बिल्लोरे दंपत्ति को शुभकामनाऐं.
ये मुआ कम्पुटर हटाओ ,ब्लोग का मत राग छेडो ।चाय ठन्डी होरही है,राग सब्जी -दाल छेडो ।
कँवल ताल में एक अकेला संबंधों की रास खोजता !आज त्राण फैलाके अपने ,तिनके-तिनके पास रोकता !! बहता दरिया चुहलबाज़ सा, तिनका तिनका छिना कँवल से !दौड़ लगा देता है पागल कभी त्राण-मृणाल मसल के ! सबका यूं वो प्रिय सरोज है , उसे दर्द क्या कौन सोचता !!
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चाय ठन्डी होरही है,
राग सब्जी -दाल छेडो ।