सादर अभिवादन
एक की क्या मजाल किसी भी आदमी को हिज़ड़ा बना देता है ये डायलाग अब ख़त्म हो चुका है, मेस्किटो- रैकेट जो सानिया जी के हाथ में है वैसा का वैसा रैकेट खोजा जा चुका है नाना जी जिसमें बिजली के प्रवाह से मच्छर का अन्तिम संस्कार तक सहजता से हो जाता है । और और क्या तुम्हारा डायलाग गलत साबित हो गया।
भाई आदमी ने अपने झूठे दंभ को कायम रखने औरत आदमी,गरीब अमीर , उंचा नीचा, जैसा वर्गीकरण किया है । नपुंसक वो नहीं जो दैहिक रूप से हो हो नपुंसक वो है जो "..............................?" सब जानतें हैं हाँ वही जो कमज़ोर के सामने ताकत दिखाए बलवान के सामने दुम हिलाए .........................
भाई आदमी ने अपने झूठे दंभ को कायम रखने औरत आदमी,गरीब अमीर , उंचा नीचा, जैसा वर्गीकरण किया है । नपुंसक वो नहीं जो दैहिक रूप से हो हो नपुंसक वो है जो "..............................?" सब जानतें हैं हाँ वही जो कमज़ोर के सामने ताकत दिखाए बलवान के सामने दुम हिलाए .........................
ah bhai nana ji ko gazab khat likha hai
जवाब देंहटाएंgood satayar
जवाब देंहटाएंकमाल की चिट्ठी है..मुझे लगता है जो पढ़ ली न नाना ने..तो अब तक छप्पन से अब तक सत्तावन हो जायेगी..बहुत ही उम्दा...
जवाब देंहटाएंबेहतरीन और रोचक खत .
जवाब देंहटाएंसही पत्र!!
जवाब देंहटाएंThanks to all
जवाब देंहटाएंvystata ke karan aabhar dene men vilamb ke liye maffi