7 अग॰ 2009

शोक समाचार

ख्यातिलब्ध कवि रचनाधर्मी विजय शंकर चतुर्वेदी के साले साहब का जबलपुर में सड़क हादसे में दु:खद निधन हो गया है।
"दुखी परिजनों को ईश्वर इस महाशोक के सहने की शक्ति "
एवं
दिवंगत आत्मा को शान्ति प्रदान करे
शान्ति शान्ति शान्ति
chaturvedi_3@hotmail.com दूरभाष :09324298021


4 टिप्‍पणियां:

  1. दिवंगत आत्मा को ईश्वर शांति प्रदान करे.

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  2. विजयशंकर जी के इस पारिवारिक दुःख में हम सब उन के साथ हैं।
    मृतक को हार्दिक श्रद्धांजलि!

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  3. ईश्वर शांति प्रदान करे.श्रृद्धांजलि.

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कँवल ताल में एक अकेला संबंधों की रास खोजता !
आज त्राण फैलाके अपने ,तिनके-तिनके पास रोकता !!
बहता दरिया चुहलबाज़ सा, तिनका तिनका छिना कँवल से !
दौड़ लगा देता है पागल कभी त्राण-मृणाल मसल के !
सबका यूं वो प्रिय सरोज है , उसे दर्द क्या कौन सोचता !!