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27 अक्टू॰ 2009

बन जाइए "ब्रिगेड के ब्रिगेडियर "


दुनियाँ में आप कहीं भी हों आप अगरचे जबलपुरिया हैं तो
यदि
आप ब्लॉगर हैं
आप सामाजिक सरोकारी हैं
आपमें ब्लागिंग की लगन हैं
अथवा ब्लागिंग की इच्छा रखतें हैं
आपके
पास- चिंतन का घट है
आपके विचार विचार ही नहीं
"छांह दार वट है "
तो बस एक मेल भेजिए
बन जाइए "ब्रिगेड के ब्रिगेडियर "
यहाँ आप कुछ भी कहें धुंआधार कहें
किसी धर्म/व्यक्ति/समूह/वर्ग/वर्ण
सम्मान को बनाए रखते हुए कहें
आप का हार्दिक अभिवादन है

भवदीय

गिरीश बिल्लोरे मुकुल
सिपाही वास्ते जबलपुर ब्रिगेड
girishbillore@gmail.com

6 टिप्‍पणियां:

  1. भाई जबलपुर का नहीं हु
    बाकी तो सब कुछ कुछ अंश तक है

    जवाब देंहटाएं
  2. अगरचे न कहु तो मै जबलपुरिया हूँ .... धुंआधार मिशन के होम वर्क करना है . आपका सहयोग अपेक्षित है .

    जवाब देंहटाएं
  3. हम आपके पाठक हैं..उम्मीद है अच्छी रचनाएं पढ़ने को मिलेंगी

    जवाब देंहटाएं
  4. भई अपनी तो ननिहाल और ससुराल दोनो ही जबलपुर की है ..अब भी इरादा है वहीं आकर बसना है ..सो अपना तो यह हक बनता है ।

    जवाब देंहटाएं

कँवल ताल में एक अकेला संबंधों की रास खोजता !
आज त्राण फैलाके अपने ,तिनके-तिनके पास रोकता !!
बहता दरिया चुहलबाज़ सा, तिनका तिनका छिना कँवल से !
दौड़ लगा देता है पागल कभी त्राण-मृणाल मसल के !
सबका यूं वो प्रिय सरोज है , उसे दर्द क्या कौन सोचता !!

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