कुछ दिनों पूर्व शैलेश जी जयशंकर प्रसाद की कविता को सुरबद्ध प्रविष्ठी
एम् पी थ्री के रूप में हिन्दयुग्म के लिए चाही थी किन्तु श्रद्धा की तबियत बिगड़ जाने से प्रविष्ठी हेतु रिकार्डिंग न हो सकी. हिंदयुग्महिन्दयुग्म के पाडकास्ट प्रभाग "आवाज़" की प्रेरणा से श्रद्धा बिटिया ने जो तैयारी की थी देखें कैसी थी वो तैयारी इस वीडियो में इस गीत का संगीत निर्देशन श्रद्धा बिटिया की गुरु आदरणीया मौसमी नंदी जी ने किया . उनके प्रति आभार के साथ आज रविवार को यह गीत आपकी नज़र कर रहा हूँ सादर
बिटिया का प्रयास सराहनीय है. हमारी शुभकामनाएँ.
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर प्रयास ! प्रस्तुति का आभार ।
जवाब देंहटाएंश्रद्धा बिटिया को मैंने पहले भी सुना है.
जवाब देंहटाएंहमें उस से बहुत उम्मीद है.
हम उसके उज्जवल भविष्य की कामना करते हैं.
- विजय