आज एक परिंदे को,
प्यार में तड़फते देखा.
उसे प्यार में मरते देखा,
और देखा प्यार के लिए जीने की तम्मना.
मैंने देखा उसके प्यार को,
वह निष्ठुर बना रहा.
न समझ पाया परिंदे के प्यार को,
और बन बैठा हत्यारा अपने प्यार का.
क्या गुनाह किया परिंदे ने,
सिर्फ किया तो उसने प्यार था.
जी रहा वो हत्यारा पँछी का,
आज किसी दूसरे यार संग.
प्यार में तड़फते देखा.
उसे प्यार में मरते देखा,
और देखा प्यार के लिए जीने की तम्मना.
मैंने देखा उसके प्यार को,
वह निष्ठुर बना रहा.
न समझ पाया परिंदे के प्यार को,
और बन बैठा हत्यारा अपने प्यार का.
क्या गुनाह किया परिंदे ने,
सिर्फ किया तो उसने प्यार था.
जी रहा वो हत्यारा पँछी का,
आज किसी दूसरे यार संग.
nice
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर गिरीश भईया ।
जवाब देंहटाएंबेहतरीन!! वाह!
जवाब देंहटाएंबहुत ख़ूब! दर्द भरा प्रवाह। आह से उपजा होगा गान।
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