मैं नहीं चाहता कि
तुम सपना बनो
मैं नहीं चाहता कि
मैं भी सपना बनूं
सत्य मैं हूं सत्य रहूं
सत्य तू है सत्य रहे
तेरे दुखों से मैं संवेदित होऊं
और मेरी व्यथा को
तुम समझो
इतना कुछ
कर लेंगे हम
तो अच्छा होगा
2.
सात हज़ार छै: सौ अठयासी फुट ऊंची
रोमनों के टोपों से बने कुछ
गुंबजों से घिरी
आबज़रवेटरी ?
जी हां
जहां से ऊंचे, बहुत ऊंचे,
उस आसमां में फैले
सितारों की दुनिया में
आदमी
जबसे झांकना सीखा है
तो पर्वतों की चोटियों पर
बादलों से भी ऊंचे
आबज़रवेटरी बना कर
उसने ऊपर ही ऊपर देखना जाना है
ज़मीं की सारी बातें
जैसे वह भूल सा गया है
तसवीर और कविताएं दोनो ही मार्मिक ।
जवाब देंहटाएंआशा है आप प्रदर्शनी के चित्र भी जरूर दिखायेंगे ।