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26 मई 2010

इस आवेदन पत्र के प्रारूप का प्रिंट निकालिये

कार्यालय भारतीय-ब्लागर संघ ,
पता:द्वारा ब्लागवाणी,चिट्ठाजगत,
क्रमांक/       /2010                                           दिनांक:-     
प्रति
भारतीय जनगणना कार्यालय
नई-दिल्ली, {जहां कुछ दिन पहले ब्लागर मीट हुई थी }
द्वारा:- अविनाश वाचस्पति,खुशदीप जी, अजय  झा जी 
मान्यवर
भारतीय ब्लागर आपसे अपेक्षा करतें हैं कि हमें जिनकी  तादात लगभग हज़ारों में हैं को अलग से गिना जावे.  इस देश में  गिना जाना उतना ही ज़रूरी है जितना कि .............. खैर.... छोड़िये शर्म  आती है कहने में....इस देश में  गांव की मवेशी तक को गिना जाता है और एक बेचारा ब्लॉगर .....................
अस्तु इस आवेदन पर विशेष ध्यान दीजिये
             भवदीय
..............................................
ब्लॉगर......................................
यू आर एल..................................
{नोट:-इस आवेदन पत्र के प्रारूप की प्रति निकालिये और भेज दीजिए उपर लिखे नामों में से किसी के मार्फ़त देखें क्या होता है}

6 टिप्‍पणियां:

  1. जरूर
    ब्लागर अलग जाति का माना जाये

    जवाब देंहटाएं
  2. हम तो गिनती में आयेंगे नहीं.

    जवाब देंहटाएं
  3. अब्बे भेजित हैं. कौनो मारी त नाहीं !!

    जवाब देंहटाएं
  4. हिन्दी ब्लागर तो एक अलग जाति हो गई - जो अंग्रेजी ब्लागर की जाति से अलग है - ठीक है |
    हिन्दी बज्जर को अनुसूचित जाति में डाल दिए हैं क्या ?

    जवाब देंहटाएं

कँवल ताल में एक अकेला संबंधों की रास खोजता !
आज त्राण फैलाके अपने ,तिनके-तिनके पास रोकता !!
बहता दरिया चुहलबाज़ सा, तिनका तिनका छिना कँवल से !
दौड़ लगा देता है पागल कभी त्राण-मृणाल मसल के !
सबका यूं वो प्रिय सरोज है , उसे दर्द क्या कौन सोचता !!

कितना असरदार

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