6 जन॰ 2009

बूझ लिया और जान लिया पहचान लिया भी

ब्लागर्षियों…!!”

पहेली ...ओउर .....ओकर जबाव .. तो ठीक है हमहूँ कहे देत हैं कि
हम तो उस भैये को खोजत हैं जिसने पहले-पहल यानि कि सबसे
पहले मुर्गी और अंडा को मुर्गी और अंडा की संज्ञा दी है. जिसकी तर्ज़ पे "ब्रह्म की पहचान"
करने वाले महर्षियों कि तरह "ब्लॉग-ऋषिगण " इस पहले का भेद जानने की कोशिश में
लगे हैं...!!अब इस पहेली को
को सुलझाने कि कोशिश के दौर में विजेता महारथियों को मेरी और मेरे अन्य ब्लॉग-मुनियों की ओर से हार्दिक शुभकामनाएं
पहुंचे जी !

5 टिप्‍पणियां:

  1. भाई बिल्लोरे जी
    कहाँ से बात उठा के कहाँ ले आये
    कमाल कर दिया जी

    जवाब देंहटाएं
  2. अरे बाबा यह क्या चक्कर है, अपून की खोपडी मै तो नही आया, भाई थोडा समझा कर लिखते, वेसे बहुत अच्छा लगा.
    धन्यवाद

    जवाब देंहटाएं
  3. कुछ जलने की बू आ रही है हमे....
    अगर हमारी गलती से कुछ जले तो जरुर हमे बताये, अगर ......
    धन्यवाद

    जवाब देंहटाएं

कँवल ताल में एक अकेला संबंधों की रास खोजता !
आज त्राण फैलाके अपने ,तिनके-तिनके पास रोकता !!
बहता दरिया चुहलबाज़ सा, तिनका तिनका छिना कँवल से !
दौड़ लगा देता है पागल कभी त्राण-मृणाल मसल के !
सबका यूं वो प्रिय सरोज है , उसे दर्द क्या कौन सोचता !!