21 जुल॰ 2009

विकास परिहार नहीं रहे !

भाई विकास परिहार ने कहा था
मृत्यु को जीना
जीवन विष पीना
है जिजीविषा

जन्म- 4 अगस्त 1983 को मध्य प्रदेश के गुना जिले के राघोगढ़ कस्बे में सन 2000 से सन 2006 तक भारतीय वायु सेना को अपनी सेवाएँ दीं। फिर पत्रकारिता की समर भूमि मे उतरने के बाद रेडियो से जुड़े। साथ ही साथ साहित्य मे विशेष रुचि है और नाट्य गतिविधियों से भी जुड़े हुए थे शिक्षा- माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविध्यालय भोपाल से पत्रकारिता विषय में स्नातक।
विकास परिहार जबलपुर के तो नहीं थे किंतु जबलपुर के हो गए थे यहीं से उनका ब्लागिंग का सफर शुरू हुआ था। वे मीडिया के आदर्श स्वरुप के हिमायती थे। मेरे अभिन्न स्नेही के निधन का समाचार पंकज गुलुश ने मुझे फोन पर दिया कि "विकास भाई का भोपाल में एक सड़क दुर्घटना में अवसान हो गया ''
विकास के ब्लॉग

इस हम्माम में सब........!

स्वसंवाद

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विकास परिहार को विनम्र श्रृद्धांजलि यहाँ भी

20 जुल॰ 2009

वाह सभा पति जी वाह

अपना दिल तो साफ़ है : जीhttps://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiyFFcw_55los1kSzDJa85UZMqEw0UZahhQzOTeFLTxtkNoGWkMtR0MLOZ4E4iF0e-1okV5r_iTyraCX-89a4WQutAQvARtmi8jHZgehX5BGYvuZGyXNGZ0cXVt6_s-aP41E2g398xeS7tZ/s320/netaji.jpg हाँ खुली किताब है ...
पिछले दिनों जबलपुर ब्लाक में आँगनवाड़ी केन्द्रों की कार्यकर्ताओं की भर्ती बैठक में जैसे ही चयन समिति के सदस्य की पुत्र वधु का आवेदन देखा तो ससुर साहब श्री देवी सिंह पटेल भौंचक रह गए फौरन सदस्यों को उन्हौने अवगत कराया कि यह आवेदन मेरी पुत्र वधु का है जो मेरी जानकारी के बिना भरा गया है अत: इसे निरस्त किया जावे मध्य-प्रदेश सरकार के महिला बाल विकास विभाग ने आँगनवाड़ी केन्द्रों की कार्यकर्ताओं की भर्ती के लिए जो प्रावधान किए हैं कि अभ्यर्थी भर्ती प्रक्रिया में शामिल किसी भी निर्वाचित जन प्रतिनिधि/अधिकारियों के रिवार का सदस्य नहीं होने चाहिए इस अनुकरणीय कार्य को देख समस्त सदस्य ने कहा वाह सभापति जी वाह हो सकता है की इसका दूसरा पहलू

भी हो ........जैसे कि हो सकता है सभापति जी फिसले और बोले "हर गंगे"


12 जुल॰ 2009

गज़ब है ये की अपनी मौत की आहट नहीं सुनते !!


ऊपर अखबार में शाया ख़बर और नीचे दुष्यंत की सोच
गज़ब है ये की अपनी मौत की आहट नहीं सुनते
वो सब के सब परीशाँ हैं वहाँ पर क्या हुआ होगा !!
मुझे बेहद दर्द हुआ था इस तरह सरकार को चूना लगाने वालों की लोभी वृत्ति से सही कहा दुष्यंत ने किंतु समाज से सरकारी धन को हड़पने की वृत्ति को कैसे समाप्त किया जाए .
दुष्यंत ने कहा था
इस सड़क पर इस क़दर कीचड़ बिछी है,
हर किसी का पाँव घुटनों तक सना है ।
समाचार युवा पत्रकार nitin patel की कलम से

11 जुल॰ 2009

इ वी एम का बवाल

"ईवीएम "पर सवाल उठाने वाले कम्प्युटर और तकनीशियन इस बात कोभली-भाँती समझ लें की भारतीय प्रजातंत्र के इस स्वरूप को जो त्रुटि पूर्ण नहीं है का नकारात्मक पहलू न उभारें । जो सवाल इन विद्वानों ने उठाएं हैं वे निर्वाचन व्यवस्था अंगुलियाँ उठाना ही है। हो सकता है कि मशीन मेंकोई गड़बडी हो किंतु वास्तव में भारत में निर्वाचन की सारी प्रक्रिया में इतनीसावधानी बरती जाती है जो शायद विश्व में कहीं । रहा ई वी एम मशीन मेंछेड़ छाड़ करके उसकी आतंरिक संरचना में कुछ ऐसे बदलाव हों जो त्रुटि पूर्णहो संभव नहीं । न ही ऐसे सुविज्ञ-तकनीशियन गाँव गाँव उपलब्ध हैं जोमशीनों में छेड़छाड़ करें ।
यदि यह कहा जाता कि-"इ वी एम् मशीन को तकनीकी क्षति पहुंचाई जा सकती है अत: सतर्कता और अधिक बढाइ जावे" तो लगता विशेषज्ञ वास्तव में व्यवस्था को और अधिक मज़बूत करना चाहतें हैं. पर मीडिया पर छा जाने की लिप्सा के चलते मुद्दा उछालना क्या साबित करता है. ?

6 जुल॰ 2009

राखी सावंत केवल कपडे धोएंगी ?

हिन्दी मीडिया की टेली गपशप पर ये आलेख ज़रूर पढिये जी । श्रीमती बिल्लोरे ने ये आलेख देखा और कहने लगीं "अरे,अपनी वाशिंग मशीन ख़राब है बाई भी काम पे नईं आ रही कुछ कीजिये न जी "
हम:-तो...........? तो क्या आप सीखिए राखी से देखो उसने भारतीय-संस्कृति की रक्षा के वास्ते पहली कसम सार्वजनिक कर दी............?पन्द्रह साल पहले वाली कसम पूरी कराने का समय यही है दिखा दो दुनियाँ को कि आप भी अपने कौल से मुकरतीं नहीं हैं ? काम वाली बाई आए न आए तो क्या आप ?
श्रीमती बिल्लोरे :-"क्या मैं राखी सावंत हूँ जो आपके कपडे धोउंगी अरे तुम भी न किसका अनुसरण करने को कह रहे हो जी "
मैं:-"केवल कपडे-धोने वाला गुण अनुसरित कीजिये मैडम ?"
श्रीमती बिल्लोरे:-"न जी ये मुझ से न होगा आप तो कनस्तर बन गयी इस मशीन को कबाड़ी के हाथ दे दो नई ला दो "
मैं:-"घर की कितनी पुरानी चीजें बदलूँ अब अपनी शादी को भी तो पन्द्रह बरस हो गए हैं...?"
श्रीमती बिल्लोरे:- "हाँ हाँ तुम मर्दों को तो बस "
ज़्यादा लफडा बढ़ते देख अपन ने शाह जी को चुपचाप मिस्ड काल छोड़ा शाह जी ने तुंरत रिप्लाय किया । और फ़िर क्या शाह जी की दुकान से आ गई एक नए ज़माने की वाशिंग मशीन । स्त्रीधन कबाड़ के रूप में था जिसे विदा करते श्रीमती बोलीं :- "बड़ी बुआ ने दी थी खूब चली !"
मैंने (श्रीमती की ओर देखकर )कहा":-और एक आप हैं............सास जी की देन ?"
इस चुहल बाज़ी के बीच बिटिया शिवानी नें मशीन की पूजा की .....................

2 जुल॰ 2009

कबीरा सच में तुम बाज़ार में हो


सारी दुनिया बाज़ार हो गई है । कबीरा एक यही एहसास होता है मुझे की हम सभी बाज़ार में खड़े हैं । तुम अकेले नहीं मैं तुम हम सब है खड़े इस बाज़ार में । देखो न राखी सावंत को जो तुम्हें टी वी पर स्वयंबर के लिए आमंत्रित कर रही थी आज देखो लड़कों की कतार लगी है । बेचारी राखी सावंत का बेचारा अतीत एन डी टी वी इमेजिन को व्यूअर दे रहा और मिल रहे हैं मेन्फोर्स-कंडोम / टायलेट क्लीनर के एड ।इधर औरतें राखी के दर्द पर कितनी दु:खी हैं .....कबीरा तुम क्या जानो ?ये देखो न राखी को परिवार से मिली उपेक्षा का दर्द कितना उभारा हुआ है। उसके इसी दर्द हाँ पारिवारिक उपेक्षा को इमेजिन ने समझा और शुरू हुई स्वयंबर की कहानी देखिये कौन सा बाबला इस बावली का पति बनता है ज़ाहिर है मिका तो नहीं होगा जिसके गले में अपनी राखी सावंत ये वर माला डालेगी कुल मिला कर भावनाओं का बाज़ार जो कड़क नोट उगलता है कबीरा तुम वहीं उसी बाज़ार में खड़े हो