12 जुल॰ 2008

संगीत प्रेमियों कुछ कहना हो ब्लॉगर मीत से कह दीजिए

मीत

मीत जी का एतिहासिक ब्लॉग है इस ब्लॉग में वो सब कुछ है जो आज हम सब खोजते हैं । भारतीय संगीत को अन्तर जाल पे सजा कर समेकित करने वाले मीत जी यूनुस खान ,के पर्याय इस लिए नहीं कहे जा सकते की इन दौनों के बिना समेकन [एग्रीगेशन] कदाचित अधूरा होगा। सुर-संगीत से भरा मीत के ब्लॉग को पॉँच सितारा ब्लॉग कहा जा सकता है
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कँवल ताल में एक अकेला संबंधों की रास खोजता !
आज त्राण फैलाके अपने ,तिनके-तिनके पास रोकता !!
बहता दरिया चुहलबाज़ सा, तिनका तिनका छिना कँवल से !
दौड़ लगा देता है पागल कभी त्राण-मृणाल मसल के !
सबका यूं वो प्रिय सरोज है , उसे दर्द क्या कौन सोचता !!