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महेन्द्र मिश्र,विजय तिवारी " किसलय ",लाल और बवाल (जुगलबन्दी),अजय कुमार झा दिव्य नर्मदा बवाल महफूज़ अली
महाशक्ति दीपक 'मशाल 'गिरीश बिल्लोरे 'मुकुल' बी एस पाबला,शरद कोकाससमीर लाल जी
महाशक्ति दीपक 'मशाल 'गिरीश बिल्लोरे 'मुकुल' बी एस पाबला,शरद कोकाससमीर लाल जी
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मेरा नमन स्वीकारिये सच कहूं मुझे ज़्यादा हिंदी पोस्ट लिखना नहीं आता किन्तु कोशिश है की जो लिखूं आपको और सबको पसंद आये . आज जबलपुर-ब्रिगेड पर मुझे विजय अंकल की पोस्ट पड़ने से लगा की सभी एग्रेसिव मीडिया के विरोधी हैं. सही भी है मीडिया सबको बन्दर समझे यह अनुचित है. मीडिया को आदर्श स्वरुप में आना ही होगा वरना मेरे बाद की पीड़ियाँ इस का कोई और विकल्प तलाश ही लेंगी. समाज के कल्याण के लिए सभी को तैयार रहना है. सभी को स्वयं में बदलाव लाने है चाहे ब्यूरोक्रेसी हो मीडिया हो अथवा सरकार और जनता . किसी भी प्रकार से दो और दो का जोड़ पांच बनाने की कोशिशें तरक्की के लिए हर्डल साबित होंगी. हम युवा देश का सच में विकास चाहतें हैं तभी तो हमने अपने रास्ते खोज ही लिए किन्तु आज भी देश के अधिकाँश लोग जिस उबाऊ व्यवस्था को सीने से चिपकाए हैं और विकास का नारा बुलंद करतें हैं तो लगता है की कोई खिलौने बेचने वाला हमें झुन झुना बजा के रिझा रहा है.धर्म के नाम पर जाती वर्ग आय के नाम पर जो देश का बंटवारा हुआ है उससे हम युवाओं को सबसे बड़ा आघात मिला है. जब भी कभी हम सोचतें है की देश किधर जा रहा है तो लगाता है देश उस दिशा में जा रहा है जो दिशा किसी भी शहीद ने न सोची थी और न उस और सोचने के सूत्र ही दिए थे. मीडिया चिंतन से दूर है, व्यवस्था दूषित राजनीति से प्रभावित है,कार्य पालिका भयभीत है तो इस देश की दशा और दिशा क्या होगी आप ही अंदाज़ लगाइए,आपने सोचा यदि समूचा विश्व हम पर हावी हो भी जाए तो हम परास्त नहीं हो सकते यदि हम में "पाजिटिव=उर्जा" है तो.....!
भारत के सम्पूर्ण विकास के लिए हमें लक्ष्यों को साधना है वह भी धैर्य के साथ बिना किसी पूर्वाग्रह के
आपका शुभाकांक्षी
उम्दा लिखा भाई
जवाब देंहटाएंयकीन है
की सदा उम्दा ही लिखोगे
sach kha aapne midiya wale hmen bewkuuf banaa rahe hain
जवाब देंहटाएंअंकुर भाई आपने बहुत अच्छी बात इतने कम शब्दो में कह दिया है, लिखना इसी को कहते है।
जवाब देंहटाएंस्वागत है अंकुर का...जय हो...नियमित लिखें.
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