मयकदा पास हैं पर बंदिश हैं ही कुछ ऐसी ..... मयकश बादशा है और हम सब दिलजले हैं !!
बसंत जी का ब्रिगेड पर आने का आभार. आनन्द आया उनकी रचना सुनकर:अब अक्सर दुश्मन होते हैं हाथ मिलाने वाले लोग....-क्या बात कही है. मेरी बधाई प्रेषित करें.
बसंतं जी के दर्शन पा कर खुशी हुई, बधाई
बसंत जी से मिल कर बहुत खुशी हुयी रचना बहुत सुन्दर लगी । धन्यवाद्
कँवल ताल में एक अकेला संबंधों की रास खोजता !आज त्राण फैलाके अपने ,तिनके-तिनके पास रोकता !! बहता दरिया चुहलबाज़ सा, तिनका तिनका छिना कँवल से !दौड़ लगा देता है पागल कभी त्राण-मृणाल मसल के ! सबका यूं वो प्रिय सरोज है , उसे दर्द क्या कौन सोचता !!
बसंत जी का ब्रिगेड पर आने का आभार. आनन्द आया उनकी रचना सुनकर:
जवाब देंहटाएंअब अक्सर दुश्मन होते हैं हाथ मिलाने वाले लोग....
-क्या बात कही है. मेरी बधाई प्रेषित करें.
बसंतं जी के दर्शन पा कर खुशी हुई, बधाई
जवाब देंहटाएंबसंत जी से मिल कर बहुत खुशी हुयी रचना बहुत सुन्दर लगी । धन्यवाद्
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