30 जन॰ 2009

बापू से


हे राम !
और जय श्री राम में अब अंतर हो गया है
र+अ +म+अ=राम अब सिर्फ़ शब्द रह गया है !
जो भी था राम उस राम में से खो गया है !
तब से अब तक मैं ही पिट रहा हूँ !
चल नहीं बापू मैं तो घिसट रहा हूँ !!
आम आदमीं हूँ न !
ख़ास को मिलने वाले प्रिवलेज से वंचित हूँ
बापू ये कहना :-" मिलने पर कुंठित हूँ "
बापू
धर्म,वर्ण,वर्ग का शिकार
प्रजातंत्र के ध्वज-वाहकों का सामंती व्यवहार !
बताओ बापू.... अब कितने गाल कहाँ से लाऊं
अपनी इस पीर को कैसे बताऊँ
भरे और भारी मन से तुमको याद कर रहा हूँ......!

बंदौं संत असज्जन चरणा


इस ब्लॉग सहित मेरे सभी ब्लॉग'स पर
गूगल बाबा की झोली से फोटो जुगाड कर
पोस्ट किए गएँ हैं . साथ ही इन ब्लॉग'स की
किसी विषयवस्तु से किसी को कोई आपत्ति हो
तो कृपया आप मुझे मेल करें ताकि भावातिरेक/व्यस्तता
में लिखी किसी-पोस्ट/उसके अंश का सुधार किया जा सके.
सार्थक प्रतिक्रयाएँ देकर सृजन शीलता की दिशा दीजिए
मेरा मिशन "हिन्दी-ब्लागिंग" में नए हस्ताक्षरों को
जोड़ना है न कि अनावश्यक विवादों की भूमि
बनाना है. फ़िर भी मानवीय भूलों के लिए आपकी सचेतक
ध्वनियाँ स्वागत योग्य हैं किंतु हंगामा स्वीकार्य नहीं

: एक लाईना कोशिश की


26 जन॰ 2009

पालने से पालकी तक :चित्रावली




पालने से पालकी तक

“पालने से पालकी तक बेटियों का सुदृढ़ जीवन सफल जीवन “

पालने और पालकी को

सजाने की

समझ जो है - "बेहतर है....!"

ज़िन्दगी बेटियों की

भी संवारी जाए तो अच्छा !!

पालने में दुलारो खूब

बिटिया को "बेहतर है....!"

ज्ञान-साहस से सजी बिटिया

बिदा की जाए तो अच्छा ..

18 जन॰ 2009

एक ख़ास ख़बर का खास असर : सन्दर्भ जबलपुर ब्लागर्स मीट

क्या समीर भैया की शादी की सालगिरह पर ब्लागर्स मीटकी ख़ास ख़बर का असर देखिये कुछऐसा था

उड़न तश्तरी जी
का स्पष्टी करण
अरे नहीं भाई--शादी की सालगिरह अभी नहीं है..काफी समय बाकी है.
इसे तो वो जब घमकी मिली थी, उसी की सालगिरह माने जिसकी याद में रो रहे थे. :)
कल ब्लॉगर्स मीट में मुलाकात होगी.
वर्षा जी ने कहा :कहानी बहुत मज़ेदार लगी !!! जबलपुर से हमारा भी रिश्ता है ..
ब्लॉग पत्रकार का मंतव्य ... भइया जी-ज़रूर आऊंगा -आपसे पहली बार मिलाना होगा
Anonymous said...
वाह हम चाहने वालो को डिनर न कराओगे मुकुलजी
मनीष शर्मा
ये भाई साहब मेरे मित्र परियोजना अधिकारी है उनको भी बुलाया गया है टिप्पणी की वज़ह से
सुप्रतिम बनर्जी साहब ने कहा ..
संस्कारधानी जबलपुर ब्लॉगर्स का गढ़ बनता जा रहा है... और इसका श्रेय ब्लॉगिंग के पुरोधा समीर जी को ही जाती है। मुकुल जी, मैं वहां पहुंच तो नहीं सकता। लेकिन यहीं से सभी को नमस्कार करता हूं।
अनूप शुक्ल उवाच : वहां जो गाना-ऊना गाया जाये उसका हिसाब-किताब मय फोटो-वोटॊ पेश किया जाये।
वर्षा जी :ने पुन: कहा ...
जी हम जबलपुर में होते तो अवश्य आते ..

क्या समीर भैया की शादी की सालगिरह पर ब्लागर्स मीट

उडन तश्तरी ....:जी की शादी की बीसवीं सालगिरह का किस्सा उनको अक्सर याद आ जाता है . इस बार (शायद 28 वीं सालगिरह पर वे ) उस दिन को इस तरह व्यक्त कर रहें हैं ,
एक रात ३ बजे पति के रोने की आवाज सुनकर पत्नी की नींद खुली तो देखा, पति ड्राइंगरुम में बैठा रो रहा है. पत्नी ने कारण पूछा तो कहने लगा कि तुम्हें याद है आज से २० साल पहले, जब हमारी शादी नहीं हुई थी, तुम्हारे पिता ने हमें प्यार करते पकड़ लिया था और कहा था कि या तो मेरी लड़की से विवाह करो या मैं अपने आपको गोली मार लूँगा और हत्या का इल्जाम तुम पर आयेगा. तुमको आजीवन कारावास होगा. तो मैने तुमसे शादी कर ली थी. पत्नी ने कहाः हाँ याद है मगर इसमें रोने की क्या बात है? पति बोला: सोच रहा हूँ, आज मैं छूट गया होता जेल से.
हमारी जबलपुरिया समझ को भी दाद देनी ही होगी कि हम समझ गए और हम उनके मन को सुकून देने के लिए कल यानी 19 जनवरी 2009 को ब्लागर्स-मीट विद डिनर एट 08:15 की तैयारी में हैं . मीट शुद्ध शाकाहारी भोजनालय रूपाली इन जबलपुर में आयोजित है , जो भी भाई ब्लॉगर हैं सादर आमंत्रित हैं समय का विशेष ध्यान रखा जावे रात्रि 08:15 से होटल बंद होने के 5 मिनट पूर्व तक ताकि आपका परिवार आपकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराने का कष्ट न उठाए

6 जन॰ 2009

बूझ लिया और जान लिया पहचान लिया भी

ब्लागर्षियों…!!”

पहेली ...ओउर .....ओकर जबाव .. तो ठीक है हमहूँ कहे देत हैं कि
हम तो उस भैये को खोजत हैं जिसने पहले-पहल यानि कि सबसे
पहले मुर्गी और अंडा को मुर्गी और अंडा की संज्ञा दी है. जिसकी तर्ज़ पे "ब्रह्म की पहचान"
करने वाले महर्षियों कि तरह "ब्लॉग-ऋषिगण " इस पहले का भेद जानने की कोशिश में
लगे हैं...!!अब इस पहेली को
को सुलझाने कि कोशिश के दौर में विजेता महारथियों को मेरी और मेरे अन्य ब्लॉग-मुनियों की ओर से हार्दिक शुभकामनाएं
पहुंचे जी !

लड़का क्या करता है..

लड़का क्या करता है....?जी ब्लॉगर हैं ।तो ठीक है उसकी शादी फीमेल से नहीं -मेल से कर दीजिए। शतरंज के खिलाडी हिन्दी के ब्लॉगर एक आभासी हार जीत का मज़ा लेना हो तो इन ब्लॉगर (जिनमें मैं भीशामिल हूँ) की भाव-भंगिमा से बांचा जा सकता है। हर बाजी "पोस्ट" को विजेता के भाव सेलिखते हम सच अदद टिप्पणियों / आगंतुकों की प्रतीक्षा में लग जातें हैं। कम टिप्पणियों केबाबजूद हार मानना हमारी विशेषता हैं। नाते चिट्ठों पे टिपिया के मांग लेतें हैं टिप्पणी मिल भीजातीं हैं। कुछ आपसी पीठ खुजाई में बदस्तूर लगे रहतें हैं किंतु यहाँ क्रिया की प्रतिक्रया कासिद्धांत लागू होता है , यदि दो बार के बाद टिप्पणी रिटर्न गिफ्ट से आए तो अपन उस ब्लॉग पेटिपियाना तो दूर उधर निगाह भी नहीं करते। गिव एंड टेक का मसला है भई !! कुछ विस्तार से बागर-चर्चा हो इस हेतु मैं अपनी तुच्छ बुद्धि से ब्लॉगर वर्गीकरण करने की सोची समझी गलती कर रहाँ हूँ .......

"A" सर्टिफिकेट धारी ब्लॉगर के लिए सब कुछ जायज होता है। ये लोग एक समूह में काम करतें हैं तू मेरी खुजा मैं तेरी पीठ खुजाऊं की तर्ज़ पे हिन्दी ब्लागिंग जारी है।
"B"
इस सर्टिफिकेट धारी ब्लॉगर जहाँ बम वहाँ हम भी का पूरी निष्ठा से पालन करें हैं
"C"
सर्टिफिकेट धारी ब्लॉगर बेचारे किस्म के होते हैं जो समझ ही नहीं पाते कि "किस राह पे रुकना है किस छत को भिगोना है "
इन प्रमाण पत्रों के रंग से भी आप समझ लीजिये रेड ज़ोन से जुड़ना है -यलो या ग्रीन ज़ोन से । मेरी राय तो यात्री -या-माल गाड़ी से बन जाइए . ब्लॉग परिचालन प्रणाली का अनुपालन कीजिए मज़े से ब्लागिंग कीजिए । बिंदास होके



2 जन॰ 2009

शिशु सा आकर्षण ले आना

मत झुलसाना न भरमाना
हर घर में खुशियाँ दे आना
आए तो स्वागत नवल वर्ष
अबके आँसू मत दे जाना !
ओ नवल वर्ष ओ धवल वर्ष
शिशु सा आकर्षण ले आना